Tuesday, December 18, 2018

लद्दाख में पुरानी खटारा जीप का बेहतर इस्तेमाल, आनंद महिंद्रा ने की तारीफ

भारत में जुगाड़ में माहिर लोगों की कोई कमी नहीं है। उनके अनूठे ‘अविष्कार' देखकर तो कई बार विशेषज्ञों का भी दिमाग चकरा जाता है। लद्दाख में पुरानी खटारा जीप का बेहतर इस्तेमाल देख सोशल मीडिया तो प्रभावित हुआ ही, साथ ही महिंद्रा जीप बनाने वाली कंपनी के चेयरमैन आनंद महिंद्रा भी तारीफें करने से खुद को नहीं रोक पाए।
सोनम वांगचुक के हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव्स ने पुरानी जीप को छत की तरह प्रयोग करते हुए घर बना डाला। आनंद महिंद्रा ने खुद ट्विटर पर तस्वीरें साझा किया। उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘एक दोस्त ने मुझे सोनम वांगचुक के हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव्स की तस्वीरें भेजीं।
महिंद्रा कार को रिसाइकल कर घर की छत बनाई गई। इंस्टीट्यूट में जीने का तरीका ही यही है। यहां कुछ भी बेकार नहीं जाता। हालांकि इससे हमारे बिजनेस को चुनौती मिलेगी, लेकिन यह बहुत ज्यादा रचनात्मक है!' सोनम वांगचुक वही शख्स हैं, जिनसे प्रभावित होकर आमिर खान ने फिल्म थ्री इडियट्स में फुंगशुक वांगडू का किरदार निभाया था। शपथ ग्रहण समारोह में विपक्षी एकता के महागठबंधन (  ) का चेहरा नजर आया। अल्टबर्ट हॉल के सामने आयोजित भव्य शपथ ग्रहण समारोह में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी (  ) सहित कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता मौजूद थे ही लेकिन विपक्ष के दिग्गज नेता शरद पंवार, एचडी देवगोड़ा, शरद यादव, एम के स्टालिन, फारुख अब्दुल्ला सहित कई नेताओं की उपस्थिति ने बीजेपी के खिलाफ महागठबंधन का संकेत दिया हैं। 
कनार्टक में गठबंधन सरकार बनाने के बाद हाल ही में हुए पांच राज्यों में से तीन पर कांग्रेस की जीत से गैर कांग्रेसी नेताओं का कांग्रेस के प्रति झुकाव हुआ हैं। शपथ ग्रहण समारोह में आज उनकी उपस्थिति ने विपक्षी एकता को मजबूती दी हैं।
आने वाले लोकसभा चुनाव में विपक्षी एकता की क्या तस्वीर बनेगी यह तो भविष्य में ही पता चलेगा लेकिन आज के शपथ ग्रहण समारोह में विपक्षी नेताओं की नजदीकियां देखने को मिली। कांग्रेस ने शपथ ग्रहण समारोह में विपक्षी नेताओं को बुलाकर एक ही छाते के नीचे आने के लिए पहल की हैं।
इस समारोह में चुनाव प्रचार कर भाजपा को परेशानी में डालने वाले पंजाब के पर्यटन मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू , कांग्रेस नेता राज बब्बर, शरद यादव आदि ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कर चुनाव में अपनी अहमियत दिखाकर आज उसका श्रेय लेने के लिए अपना चेहरा दिखाया।ने कांग्रेस नेता सज्जन कुमार (  ) को दोषी करार दिया। हाईकोर्ट ने फैसले में कहा है कि सज्जन कुमार ताउम्र जेल में रहेंगे। कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि सत्य की जीत होगी और न्याय होगा। इस मामले में हाईकोर्ट ने कांग्रेस के पूर्व पार्षद बलवान खोखर, सेवानिवृत्त नौसेना अधिकारी भागमल और तीन अन्य की दोषी बरकरार रखा है। कोर्ट ने इस मामले में सज्जन कुमार को सरेंडर करने के लिए 31 दिसंबर तक का समय दिया है। आपको बता दें कि निचली अदालत ने सज्जन कुमार को बरी कर दिया था।   हाईकोर्ट ने फैसला सुनाते हुए न्यायालय ने कहा, “यह आज़ादी के बाद की सबसे बड़ी हिंसा थी। इस दौरान पूरा तंत्र फेल हो गया था। यह हिंसा राजनीतिक फायदे के लिये करवायी गयी थी। सज्जन कुमार ने दंगा भड़काया था।”
सज्जन कुमार पर पांच लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया
न्यायमूर्ति एस. मुरलीधर और न्यायमूर्ति विनोद गोयल की पीठ ने सोमवार को सज्जन कुमार को दंगा भड़काने और साजिश रचने का दोषी करार दिया और इसके लिए उसे उम्रकैद की सजा सुनायी। सज्जन कुमार को निचली अदालत ने इस मामले में बरी कर दिया था जिसके खिलाफ पीड़ित पक्ष तथा केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने हाईकोर्ट में अपील की थी।  अदालत ने इस मामले में सज्जन कुमार पर पांच लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है । सीबीआई और दंगा पीड़ितों की याचिका पर हाईकोर्ट ने 29 अक्टूबर को दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था।
सज्जन कुमार के अलावा किसको हुई कितनी सजा
सज्जन के अलावा नौसेना के रिटायर्ड अधिकरी कैप्टन भागमल, पूर्व कांग्रेस पार्षद बलवान खोखर और गिरधारी लाल को भी दोषी करार दिया गया है। इन तीनों को निचली अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई थी। इनके अलावा पूर्व विधायक महेंद्र यादव और किशन खोखर को भी दोषी करार पाया गया, जिन्हें निचली अदालत ने तीन साल की सजा सुनाई थी। अब हाईकोर्ट ने इन सभी पांचों दोषियों को 10-10 साल की सजा सुनाई है। 

फांसी की सजा तक लड़ाई जारी रहेगी: सिरसा
कोर्ट के फैसले पर अकाली दल के नेता मंजिदर सिंह सिरसा ने कहा है कि हम कोर्ट का धन्यवाद देते हैं कि उन्होंने हमें न्याय दिया। हमारी लड़ाई जारी रहेगी जब तक सज्जन कुमार और जगदीश टाइटलर को फांसी की सजा नहीं दी जाती। आपको बता दें कि पिछले महीने पटियाला हाउस कोर्ट में 84 सिख दंगा मामले में गवाह चाम कौर ने सज्जन कुमार को पहचान लिया था। सज्जन कुमार की पहचान करते हुए चाम कौर ने कहा कि ये वही शख्स है जिसने भीड़ को उकसाया था।
क्या है मामला
गौरतलब है कि 1984 के सिख दंगों से जुड़ा यह मामला पांच लोगों की मौत से जुड़ा है। दिल्ली कैंट इलाके के राजपुर में एक नवंबर 1984 को हज़ारों लोगों की भीड़ ने दिल्ली केंट इलाके में सिख समुदाय के लोगों पर हमला कर दिया था, जिसमें एक परिवार के तीन भाइयों नरेंद्र पाल सिंह ,कुलदीप और राघवेंद्र सिंह की हत्या कर दी गयी जबकि एक दूसरे परिवार के गुरप्रीत और उनके बेटे केहर सिंह भी मारे गये थे।
दिल्ली पुलिस ने वर्ष 1994 में ये केस बंद कर दिया था, लेकिन नानावटी कमीशन की रिपोर्ट के आधार पर वर्ष 2005 में इस मामले में केस दर्ज किया गया। मई 2013 में निचली अदालत ने इस मामलें में पूर्व कांग्रेस पार्षद बलवान खोखर, नौसेना के सेवानिवृत्त अधिकारी कैप्टन भागमल, गिरधारी लाल और दो अन्य लोगों को दोषी करार दिया, लेकिन कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया था। इसके बाद पीड़ित पक्ष और दोषियों ने हाईकोर्ट की शरण ली थी। इसी वर्ष 29 अक्टूबर को दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था।  सज्जन कुमार के खिलाफ 1984 सिख दंगों से जुड़े कुल पांच मामले चल रहे हैं जिनकी जांच 2014 में गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) कर रही है।
जमानत पर बाहर था सज्जन कुमार
सिख विरोधी दंगा मामले में सज्‍जन कुमार अभी जमानत पर बाहर है। फरवरी 2018 में दिल्ली हाईकोर्ट ने 1984 के सिख विरोधी दंगे के दो मामलों में कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को अग्रिम जमानत देने के निचली अदालत के आदेश को बरकरार रखा था।